Yogi Cabinet 2.0: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) रविवार को लखनऊ से दिल्ली आ रहे हैं। Yogi Adityanath दिल्ली में बड़े नेताओं से मिलेंगे। जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में Yogi Adityanath अपनी कैबिनेट पर भी चर्चा करेंगे। बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह और बीएल संतोष मौजूद रहेंगे। बैठक के दौरान शपथ ग्रहण समारोह की तारीख पर भी चर्चा की जाएगी। भाजपा ने 5 में से चार राज्यों में अपनी सत्ता कायम रखी है, लेकिन यूपी ही ऐसा राज्य है जहां सीएम पद को लेकर स्थिति पूरी तरह साफ है।
Yogi Cabinet 2.0: हो सकते हैं 4 डिप्टी सीएम
इस बीच खबर है कि यूपी में चार डिप्टी सीएम बनाए जाने पर विचार हो रहा है। ये हैं- बेबी रानी मौर्य, ब्रजेश पाठक और स्वतंत्रदेव सिंह, केशव प्रसाद मौर्य। चुनाव में हार के बावजूद केशव प्रसाद मौर्य को यह जिम्मेदारी दी जा रही है। पार्टी को लगता है कि 2024 के विधानसभा चुनावों में इसका फायदा मिल सकता है। वहीं दिनेश शर्मा को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। स्वतंत्रदेव सिंह अभी प्रदेश पार्टी अध्यक्ष हैं और जीत में उनका भी अहम योगदान रहा है। अब पार्टी उन्हें ईनाम देगी।
योगी आदित्यनाथ के साथ प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, मंत्री सुनील बंसल, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह भी रविवार को दिल्ली में रहेंगे। अनुमान लगाया जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व ने योग्यता, जाति और क्षेत्रीय समीकरणों के आधार पर संभावित उपमुख्यमंत्रियों और मंत्रियों की एक बुनियादी सूची तैयार की है क्योंकि भाजपा अपने मंत्रिमंडल में हर जाति को जगह देती है। सूची में अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व का होगा। उपमुख्यमंत्री पद के लिए स्वतंत्र देव सिंह, बेबी रानी मौर्य, बृजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य के नाम पर चर्चा चल रही है। स्वतंत्र देव सिंह परिवहन मंत्री थे, इसके अलावा वे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे।
Goa News: प्रमोद सावंत ने दिया गोवा के मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र
इस बीच, गोवा कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष एलेक्सो रेजिनाल्डो लौरेंको ने कहा कि लोगों ने उन्हें इसलिए माफ कर दिया, क्योंकि उन्होंने पाला नहीं बदला। विधानसभा चुनाव में लौरेंको ने कर्टोरिम विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की है। उन्होंने भाजपा को समर्थन देने का एलान किया है। वैसे रोचक तथ्य है कि कांग्रेस से टिकट मिलने के बावजूद चुनाव से पहले उन्होंने पार्टी छोड़ दी और तृणमूल में शामिल हो गए। वे फिर कांग्रेस में लौट आए, लेकिन इस बार उन्हें टिकट देने से इन्कार कर दिया गया। बाद में उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। लौरेंको ने कहा कि तृणमूल में शामिल होते समय और फिर इसे छोड़ते समय भी मेरा इरादा साफ था।