मिट्टी से मूर्ति का निर्माण करने वाले मूर्तिकारों का युवाओं ने किया सम्मान

कटनी। बाजारों में कई जगह पीओपी से बनी गणेश प्रतिमाएं देखने को मिल रही है, परंतु पीओपी से बनी मूर्तियों को पानी में घुलने में कई माह लग जाते है। इतना ही नहीं पीओपी में जिप्सम, सल्फर, फास्फोरस, मैग्नीशियम जैसे तत्व होते हैं, जो नदी या सरोवर की मछलियों और दूसरे जलीय जीवों पर दुष्प्रभाव डालते हैं। इसे रोकने के लिए इको फ्रेंडली प्रतिमाओं के प्रति जागरूकता अति अनिवार्य है, इसी कड़ी में पर्यावरण संरक्षण हेतु कटनी में कार्य कर रहे युवाओं के समूह विज़न के टीनएजर्स सदस्यों के द्वारा गणेश चतुर्थी के उपलक्ष में, कटनी के विभिन्न क्षेत्रों में मिट्टी से इको फ्रेंडली प्रतिमाओं का निर्माण करने वाले मूर्तिकारों को तिलक लगाकर श्रीफल भेंट कर उनका सम्मान किया।

इस दौरान टीनएजर्स ने मूर्तिकारों से उन्हें हो रही समस्याओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया, छात्रों ने बताया कि पीओपी प्रतिमाओं के बाजारों में आ जाने से मिट्टी की प्रतिमाओं की पूछ में भारी कमी आई है, तथा उन्हें नुकसान भी झेलना पड़ता है।

समूह के सदस्यों के द्वारा दो सप्ताह से लगातार इको फ्रेंडली प्रतिमा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कई प्रयास किया जा रहे हैं। तथा अब छात्र विसर्जन के दौरान ध्यान रखने योग्य बातों पर भी जागरूकता फैलाने जा रहें है।

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